Details, Fiction and bhairav kavach

Wiki Article

भीषणो भैरवः पातु उत्तरस्यां तु सर्वदा

 

शक्तिबीजद्वयं दत्वा कूर्चं स्यात् तदनन्तरम् ॥ १५॥

ಮ್ರಿಯಂತೇ ಸಾಧಕಾ ಯೇನ ವಿನಾ ಶ್ಮಶಾನಭೂಮಿಷು





यत्र यत्र भयं प्राप्तः सर्वत्र प्रपठेन्नरः ॥ ५॥

बटुक भैरव कवच का व्याख्यान स्वयं महादेव ने किया है। जो इस बटुक भैरव कवच का अभ्यास करता है, वह सभी भौतिक सुखों को प्राप्त करता है।

ಉದರಂ ಚ ಸ ಮೇ ತುಷ್ಟಃ ಕ್ಷೇತ್ರೇಶಃ ಪಾರ್ಶ್ವತಸ್ತಥಾ

॥ इति more info रुद्रयामले महातन्त्रे महाकालभैरवकवचं सम्पूर्णम्॥

वेदादिबीजमादाय भगमान् तदनन्तरम् ॥ १७॥

Report this wiki page